मज़दूर की मज़दूरी पसीना सुखने से पहले दिया करो

मज़दूर को पसीना सुखने से पहले मज़दूरी दो

۞ हदीस: अब्दुल्ला इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है की,
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“मज़दूर को उसकी मज़दूरी उसका पसीना सुखने से पहले दे दो।”

📕सुनन इब्न माजाह, हदीस:600


मज़दूर को पूरी मजदूरी देना

۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी।”

📕 इब्ने माजाह : २४४२

खुलासा: मज़दूर को मुकम्मल मज़दूरी देना वाजिब है।