Juma Mubarak : जुमा मुबारक कहना कैसा है?

जुमा मुबारक कहना कैसा है? जुमआ के दिन जुमआ की मुबारकबाद देने का रिवाज ग़लत है। ..

 

जुमा मुबारक कहना कैसा है ?

जुमा मुबारक कहना कैसा है?

जुमआ के दिन जुमआ की मुबारकबाद देने का रिवाज ग़लत है।
क्योंकि सहाबा किराम रज़ियाल्लाहो अन्हुम हमसे ज्यादा जुमआ की फ़ज़ीलत को समझते थे, और हमसे कहीं बहुत ज्यादा किसी नेक काम को करने वाले थे, लेकिन फिर भी सहाबा किराम रज़ियाल्लाहो अन्हुम से कहीं भी यह बात साबित नहीं होती है कि वह लोग आपस में एक दूसरे को जुमआ की मुबारकबाद देते।

(शेख सालेह अल-फौज़ान)

लिहाजा हमे चाहिए के दिन के मुआमले इफ्राद व तफ़रीद के शिकार ना हो,
और हर उस अमल को दिन से जोड़ने से बचे जिसका
शरायी हुक्म या सहाबा के अमल से साबित ना हो। 

अल्लाह तआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे। अमीन

एक टिप्पणी भेजें

© Hindi | Ummat-e-Nabi.com. All rights reserved. Distributed by ASThemesWorld