✓ तौबा की फ़ज़ीलत : तुम्हारे गुनाह आसमान तक पहुँच जाएं फिर भी तुम तौबा करो!

तौबा की फ़ज़ीलत : तुम्हारे गुनाह आसमान तक पहुँच जाएं फिर भी तुम तौबा करो! "जिस शख्स ने तौबा की और ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम
तौबा की फ़ज़ीलत : जिस शख्स ने तौबा की और ईमान कुबूल किया...

तौबा की फ़ज़ीलत

तुम्हारे गुनाह आसमान तक पहुँच जाएं फिर भी तुम तौबा करो

"जिस शख्स ने तौबा की और ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए तो (अलबत्ता) उन लोगों की बुराइयों को अल्लाह नेकियों से बदल देगा और अल्लाह तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।"

Surah Al Furqan | Verse 70 

"अपने परवरदिगार से मगफिरत की दुआ माँगो बेशक वह बड़ा बख्शने वाला है।"

Surah Nuh | Verse 10 

नबी करीम सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:
"अगर तुम गुनाह करो यहां तक के तुम्हारे गुनाह आसमान तक पहुंचाए जाए, फिर तुम तौबा करूं तो अल्लाह तआला ज़रूर तुम्हारी तौबा कबूल करेगा!"
इब्ने माजा: हदीस 4248

सबक:

इस हदीस का मफूमं ये है कि अल्लाह तआला की रहमत इस कद्र वसी है कि बंदे के गुनाह चाहें जितने ज्यादा हों,उन की मगफिरत के लिए की जाने वालीं तौबा को अल्लाह तआला ज़रूर कबूल करेगा, "ब-शर्ते के ये तौबा खुलूस ऐ दिल से हो। 

इस हदीस से ये (कत्तई) ना समझा जाए, के गुनाह कसरत से किया जाए और फिर तौबा कर ली जाएं, क्यों कि हदीस में तौबा की अहमियत बताई गई है, ना के बा-कसरत गुनाह करने की। हमको तौबा भी करना है और गुनाह से बचना भी है।

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