15. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

अल्लाह की कुदरत: कंगारु, एक फर्ज: शौहर पर बीवी का खर्चा, दुआ के कलिमात को तीन बार कहना, सूरह दुखान की फ़ज़ीलत, कर्ज ना लौटाने की निय्यत से लेने का गुनाह
15 Zil Hijjah | Sirf Paanch Minute ka Madarsa

15. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 

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अल्लाह की कुदरत

कंगारु

कंगारु, खरगोश की हम शक्ल एक बड़ा जानवर है जो इन्सानी कद के बराबर होता है। 

उसके अगले पैर बहुत छोटे और पिछले पैर बहुत बड़े और मजबूत होते हैं,
इस की दूम भी काफ़ी लंबी और मोटी होती है, यह अपनी दुम पर बैठ जाता है। 

अजीब बात यह है के इस के पेट पर एक थैली होती है, कंगारु का बच्चा पैदाइश के वक्त सिर्फ दो इंच का होता है जिस की आँख भी बंद रहती है। 

इसके बावजूद वह अपनी माँ के जिस्म के बालों को पकड़ कर सीधा उस थैली में पहुँच जाता है और वहा दूध पीकर बड़ा होता है। जियादा वक्त इसी थैले मे गुजारता है और कंगारु उस को हर जगह लिये फिरता खिलाता-पिलाता है।

भला बताओ तो सही के इस छोटे से बच्चे को थैली का रास्ता कौन बताता और बचपने से बडा होने तक कौन उसकी हिफाजत व पर्वरिश करता है। बेशक अल्लाह ही अपनी कुदरत से इन जानवरों की रहनुमाई फर्माता है।

[ अल्लाह की कुदरत ]

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एक फर्ज के बारे में

शौहर पर बीवी का खर्चा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“तुम पर वाजिब है के तुम औरतों के लिए
कायदे के मुवाफिक रोज़ी और
कपड़े का इन्तेज़ाम करो।”

[मुस्लिम: २१५०]

फ़ायदा : शौहर पर वाजिब है के वह बीवी के लिए
अपनी हैसियत के मुताबिक रोटी
और कपड़े का इन्तेजाम करे।

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एक सुन्नत के बारे में:

दुआ के कलिमात को तीन बार कहना

रसूलअल्लाह (ﷺ) दुआ व इस्तिगफार के कलिमात को
तीन तीन मर्तबा दोहराना पसंद फरमाते थे। 

[अबू दाऊद : १५२४]

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एक अहेम अमल की फजीलत:

सूरह दुखान की फ़ज़ीलत

रसुलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“जिस शख्स ने रात में “हा मीम अद दुखान” (यानी सूर-ए-दुखान) पढ़ी उसके लिए सत्तर हज़ार फ़रिश्ते इस्तिग़फ़ार करते हैं, दूसरी रिवायत में है के जिसने जुमा की रात सूरह दुखान पढ़ी उसके तमाम गुनाह माफ़ कर दिये जाते हैं।”

[ तिर्मिजी: २८८८-२८८९ ]

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एक गुनाह के बारे में:

कर्ज ना लौटाने की निय्यत से लेने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जो शख्स किसी से क़र्ज़ ले और दिल में यह पक्का इरादा
कर रखे के कर्ज पूरा पूरा नहीं लौटाएगा, तो वह
(क़यामत के दिन) अल्लाह से एक चोर की हालत में
मुलाकात करेगा।”

[ इब्ने माजा : २४१० ]

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दुनिया के बारे में:

दुनिया खत्म और छूटने वाली है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:

“बन्दा कहता है मेरा माल मेरा माल, हालांकि
उस के लिए उस के माल में से तीन चीजें हैं: 

(१) वह जो खा कर खत्म कर दिया।
(२) जो पहेन कर पुराना कर दिया।
(३) वह जो (सदका) देकर (आखिरत के लिए) ज़खीराह कर लिया 

और इसके अलावा जो कुछ है वह खत्म होने वाला
और लोगों के लिए छोड़ने वाला है।”

[ मुस्लिम: ४२२ ]

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आख़िरत के बारे में:

कयामत का हाल कुरआन में

अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“बेशक फैसले के दिन का वक्त मुतअय्यन है
यानी जिस दिन सूर फूंका जाएगा
फिर तुम लोग गिरोह दर गिरोह हो कर आओगे
और आसमान खोला जाएगा
तो उस में दरवाज़े ही दरवाज़े हो जाएंगे
और पहाड़ चलाए जाएँगे
तो वह चमकते रेत हो जाएंगे।”

[ सूरह नबा : १७ ता २० ]

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तिब्बे नबवी से इलाज

जोड़ों के दर्द का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“अंजीर खाओ क्योंकि यह बवासीर को
खत्म करता है और जोड़ों के दर्द में मुफीद है।”

[ कंजुल इमांन : २८२७६ ]

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कुरआन की नसीहत:

अल्लाह की राह में खर्च करे

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“तुम को क्या हो गया के तुम अल्लाह के रास्ते में
खर्च नहीं करते, हालांके आसमान और जमीन की
सब मीरास अल्लाह ही की है।”

[ सूरह हदीद : १० ]

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