किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए ये उचित नहीं कि उसमें लानत करते रहने की आदत हो।

किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए ये उचित नहीं कि उसमें लानत करते रहने की आदत हो।

पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया:
"किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए ये उचित नहीं कि उसमें लानत करते रहने की आदत हो।"
(तिरमिज़ी)

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