बदगुमानी ( शक ) करने से बचते रहो
ऐ ईमानवालो! बहुत से गुमान (बद) से बचे रहो क्यों कि बाज़ बदगुमानी गुनाह हैं और आपस में एक दूसरे के हाल की टोह में न रहा करो और न तुममें से एक दूसरे की ग़ीबत करे क्या तुममें से कोई इस बात को पसन्द करेगा कि अपने मरे हुए भाई का गोश्त खाए तो तुम उससे (ज़रूर) नफरत करोगे और अल्लाह से डरो, बेशक अल्लाह बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है।
रसूलअल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:
"बदगुमानी (शक) से बचते रहो क्योंकि बदगुमानी (शक की बातें) अक्सर झूठी होती हैं, लोगों के (ऐब/खामी) तलाश करने के पीछे ना पड़ो, आपस में (हसद/जलन) ना करो, किसी के पीठ पीछे बुराई ना करो, बुग्ज ना रखो, बल्कि सब अल्लाह के बंदे आपस में भाई-भाई बन कर रहो।"
Sahih Al Bukhari:6064