भलाई और बुराई समान नहीं हैं
और भलाई बुराई (कभी) बराबर नहीं हो सकतीतो (सख्त कलामी का) ऐसे तरीके से जवाब दो जो निहायत अच्छा हो(ऐसा करोगे) तो (तुम देखोगे) जिस में और तुममें दुशमनी थीगोया वह तुम्हारा दिल सोज़ दोस्त है
लिहाजा बुराई के बदले भलाई करो ~ पवित्र कुरआन ४१:३४