क़यामत का मंजर
जब करीबी रिश्तेदार मदद करने के बजाय दूर भागेंगें
"आखिरकार जब वह कान बहरे कर देनेवाली आवाज उंची होगी।उस (क़यामत के) दिन आदमी अपने भाई और अपनी माँ और अपने पिता और अपनी पत्नी और अपनी औलाद से भागेगा। उन में हर व्यक्ति पर उस दिन एसा समय आ पडेगा कि उसे अपने सिवा किसी का होश न होगा। कुछ चेहरे उस दिन दमक रहे होंगें, प्रफुल्लित और प्रसन्न होंगें और कुछ चहेरों पर उस दिन खाक़ उड रही होगी और स्याही छाई हुइ होगी। यही इन्कार करनेवाले और दुराचारी लोग होंगे।"