पडोसी के अधिकार
क़ुरान वा सुन्नत की रौशनी में
❶
"और अच्छा व्यवहार करते रहो निकटतम
और दूर के पड़ोसियों के साथ भी।"
❷
नबी-ऐ-करीम (ﷺ) ने फ़रमाया :
“वोह शख्स मोमिन नहीं जो पेट भर कर खाए
और उसका पड़ोसी भूखा रह जाए।”
और उसका पड़ोसी भूखा रह जाए।”
📕 शोएब उल इमान 5660
❸
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया
“जो कोई अल्लाह और आख़िरत के दिन पर इमांन रखता है
वो अपने पडोसी को तकलीफ ना पहुंचाए।”
वो अपने पडोसी को तकलीफ ना पहुंचाए।”
📕 बुखारी 6018
❹
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने ३ बार
अल्लाह की कसम खाते हुए फ़रमाया के
अल्लाह की कसम खाते हुए फ़रमाया के
“अल्लाह की क़सम वो शख्स मुसलमान नहीं
जिसका पडोसी उसकी इजाओं से महफूज़ नहीं।”
जिसका पडोसी उसकी इजाओं से महफूज़ नहीं।”
📕 बुखारी, मुस्लिम
❺
रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया,
"वो शख्स जन्नत में नहीं जायेगा जिसका पडोसी उसके
मक्कार ओ फसाद (ज़ुल्मो सितम) से महफूज़ न हो।”
मक्कार ओ फसाद (ज़ुल्मो सितम) से महफूज़ न हो।”
📕 सहीह मुस्लिम 79
❻
उम्महातुल मोमिनीन आयेशा (र.अ.) से रिवायत है की
मैंने पूछा ‘या रसूलल्लाह (ﷺ) ! मेरे दो पडोसी है,
उनमे से किसके पास मैं हदिया (तोहफा) भेजू?’
मैंने पूछा ‘या रसूलल्लाह (ﷺ) ! मेरे दो पडोसी है,
उनमे से किसके पास मैं हदिया (तोहफा) भेजू?’
तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया:
“जिसका दरवाजा तुझसे ज्यादा करीब हो।”
“जिसका दरवाजा तुझसे ज्यादा करीब हो।”
📕 सहीह बुखारी 2259
❼
रसूल अल्लाह (ﷺ) फरमाते है के :
“जो शख्स इस लिए हलाल कमाई करता है के मांगने से बचे,
अहलो अयाल के लिए कुछ हासिल करे और
पडोसी के साथ हुस्ने सुलूक करे तो वो
क़यामत में इस तरह आएगा के इसका चेहरा
चौंधवी के चाँद की तरह चमकता होगा।”
अहलो अयाल के लिए कुछ हासिल करे और
पडोसी के साथ हुस्ने सुलूक करे तो वो
क़यामत में इस तरह आएगा के इसका चेहरा
चौंधवी के चाँद की तरह चमकता होगा।”
📕 शोएब उल इमांन 10375