★ ज़माना-ए-क़ुर्ब-ए-क़यामत ★
♦️ इमाम महदी से पहले दुनिया के हालात ♦️
मुस्लिम मुमालिक की इक़तिसादी (आर्थिक) नाका बंदी
♦️ हदीस ♦️
हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ि. फरमाते हैं ,️
नबी ﷺ ने फरमाया, वो वक़्त क़रीब है कि ईराक़ वालों पर गल्ले और रुपये की पाबन्दी लगा दी जाएगी।
आप से पूछा गया कि ये पाबन्दी किसकी जानिब से होगी?
तो आप ने फरमाया, अजमियों (Non Arabs) की जानिब से।
पूछा गया कि ये पाबन्दी किसकी जानिब से होगी?
तो आप ने फरमाया, अहले रूम (मग़रिब वालों) की जानिब से।
फिर फरमाया रसूलुल्लाह ﷺ का इरशाद है कि मेरी उम्मत में एक खलीफा होगा जो लोगों को माल भर भर के देगा और शुमार नहीं करेगा,
नीज़ आप ने फरमाया, कसम उस ज़ात की जिसके क़ब्ज़े में मेरी जान है यक़ीनन इस्लाम फिर से अपनी पहली हालत में लौटेगा जिस तरह इब्तिदा मदीना से हुई थी , हत्ता कि ईमान सिर्फ मदीना में रह जाएगा।
फिर आप ने फरमाया मदीना से जब भी कोई बेरगबती की बिना पर निकल जाएगा तो अल्लाह उससे बेहतर को वहाँ आबाद कर देगा।
कुछ लोग सुनेंगे कि फलां जगह पुरारज़ानी और बाग व ज़राआत की फरावानी है तो मदीना छोड़कर वहाँ चले जाएंगे हालांकि उनके वास्ते मदीना ही बेहतर था कि वो इस बात को जानते नहीं।
(मुस्तदरक जि.-4,स.-256)