29. रमजान | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा
29. Ramzan | Sirf Paanch Minute ka Madarsa
1. इस्लामी तारीख
हज्जतुल विदा में हुज़ूर (ﷺ) का तारीखी ख़ुत्बा
९ ज़िल हिज्जा सन १० हिजरी को जुमा के दिन अरफात के मैदान चौबीस हज़ार सहाब-ए-किराम (र.अ) मौजूद थे, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एक अलविदाई और तारीखी ख़ुत्बा दिया, जिस में आप (ﷺ) ने फर्माया :
गौर से सुनो !
“तुम्हारा एक माबूद है और तुम एक बाप हज़रत आदम (अ.स) की औलाद हो। सब मुसलमान भाई-भाई हैं, किसी को किसी पर बड़ाई हासिल नही, मगर जिन के आमाल नेक हों।
और सुनो ! औरतों के बारे में अल्लाह से डरते रहना, तुम दोनों का एक दूसरे पर हक है। तुम्हारा खून और तुम्हारा माल एक दूसरे पर हराम है।
देखो ! मेरे बाद गुमराह न हो जाना के एक दूसरे को कत्ल करने लगो। मेरे बाद तुम्हारे लिए अल्लाह तआला की किताब और मेरी पैरवी सीधा रास्ता है, अगर इस पर मज़बूती से कायम रहोगे, तो कभी गुमराह न होगे।”
फिर आप ने फर्माया:
“लोगो! क्या मैंने तुमको अपने रब का पैगाम पूरा-पूरा पहुंचा दिया?
लोगो ने अर्ज़ किया:
बेशक आप (ﷺ) ने पूरा-पूरा पैगाम पहुँचा दिया।
आप (ﷺ) ने शहादत की उंगली आसमान की तरफ उठाई और तीन मर्तबा फर्माया:
“ऐ अल्लाह! तू गवाह रहना। खुतबे के बाद आप ज़िक्रे इलाही में मशगूल हो गए और हज के अरकान मुकम्मल कर के मदीना वापस हुए।”
2. अल्लाह की कुदरत
बरमूडा ट्रायंगल का अजीब व गरीब समंदर
“अल्लाह तआला ने समंदर में एक ऐसी जगह बनाई है जिसे “बहीर-ए-बरमोडा मुसल्लस” कहते हैं, इस समंदरी इलाके के मुतअल्लिक बड़ी अजीब बात यह है, कि इसमें कोई हवाई जहाज़, पानी का जहाज़ वगैरह जाता है, तो वह गायब हो जाता है।
कई दफा तो ऐसा हुआ कि इसके पास से गुज़रने वाले जहाज़ में आग लग गई, जिससे वह जल कर राख हो गया, अब तक तकरीबन पाँच सौ इक्कीस (५२१) हवाई जहाज़ इस समंदरी इलाके के ऊपर से गुज़रते हुए अचानक जल कर तबाह हो गए, दुनिया के साइंसदा आज तक यह तहकीक न कर सके, फ़लकी सय्यारचे (Satellite) के ज़रिये जो तसवीर ली गई इसमे सिर्फ कुहरा नज़र आता है।
आखिर दुनिया के इस हिस्से में क्या है? यकीनन इन्सान को अल्लाह की कुदरत के आगे घुटने टेकने ही पढ़ते हैं और यह मानना ही पड़ता है कि पूरी कायनात का चलाने वाला अल्लाह है।“
3. एक फर्ज के बारे में
सदक-ए-फित्र किस पर वाजिब है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हर बड़े-छोटे, मर्द व औरत, आज़ाद व गुलाम मुसलमानों पर एक साअ खजूर या एक साअ जौ सदका-ए-फित्र वाजिब करार दिया है और नमाज़े ईद से पहले उस की अदायगी का हुक्म दिया है।”
4. एक सुन्नत के बारे में
तकबीर कहते हुए ईदगाह जाना
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (र.अ) फर्माते हैं कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ईदुल फित्र के दिन घर से निकल कर ईदगाह जाते हुए (रास्ते में) तकबीर पढ़ा करते थे। तकबीर यह है-
اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ لَا إلَهَ إلَّا اللَّهُ وَاَللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ وَلِلَّهِ الْحَمْد
5. एक अहेम अमल की फजीलत
इन्आम की रात
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“जब ईदुल फित्र की रात होती है तो उसका नाम आसमानों पर लैलतुल जाइज़ह (यानी इन्आम की रात से लिया जाता है और जब ईद की सुबह होती है तो हक़ तआला शानुहू फरिश्तों को तमाम शहरों में भेजते हैं, वह ज़मीन पर उतर कर तमाम गलियों, रास्तों के सिरो पर खड़े हो जाते हैं और ऐसी आवाज़ से जिसको जिन्नात और इन्सान के अलावा हर मख्लूक सुनती है, पुकारते है कि ऐ मुहम्मद (ﷺ) की उम्मत उस करीम रब की बारगाह की तरफ़ चलो जो बहुत ज़्यादा अता फर्माने वाला है और बड़े से बड़े कूसूर को माफ़ करने वाला है।”
6. एक गुनाह के बारे में
हराम माल से सदक़ा करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:
“जिसने हराम माल जमा किया, फिर उसमें से सदका किया, तो अज्र व सवाब के बजाए उल्टा वबाल होगा।”
7. दुनिया के बारे में
सहाबा (र.अ) की दुनिया से बेज़ारी
हज़रत अबू हुरैरह (र.अ) कुछ लोगों के पास से गुज़रे, जिनके हाथों में भूनी हुई बकरी थी, उन लोगों ने हज़रत अबू हुरैरह (र.अ) को खाने के लिए बुलाया तो उन्होंने इन्कार कर दिया और कहा के अल्लाह के रसूल (ﷺ) इसी हाल में दुनिया से चले गए, कि जौ की रोटी भी पेट भरकर कभी नहीं खाए।”
8. आख़िरत के बारे में
जहन्नम का गुस्सा
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है-
“जब जहन्नमी लोग जहन्नम में डाले जाएंगे तो उसकी खौफ़नाक आवाज़ सुनेंगे और वह ऐसी भड़क रही होगी कि गोया गुस्से के मारे फट जाएगी।”
9. तिब्बे नबवी से इलाज
बुखार का इलाज
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जिसे बुखार आ जाए वह तीन दिन गुस्ल के वक्त यह दुआ पढ़े, तो इन्शा-अल्लाह उसे शिफा हासिल होगी-
बिस्मिल्लाही-अल्लाहुम्मा-इन्नमा-अगतसलतू-रजा-आ-शिफाएका-वा-तस्दीक़ा-नाबिका-मुहम्मद
तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! मैंने तेरे नाम से गुस्ल किया, शिफा की उम्मीद करते हुए और तेरे नबी (ﷺ) की तस्दीक करते हुए।
10. कुरआन की नसीहत
क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:
“ऐ ईमान वालो ! जब तुम आपस में खुफिया बातें करो तो गुनाह और ज़ुल्म व ज़्यादती और रसूल (ﷺ) की नाफ़रमानी की खुफिया बातें ना किया करो बल्कि भलाई और परहेज़गारी की बातों का मशवरा किया करो और अल्लाह से डरते रहो, जिसके पास तुम जमा किए जाओगे।”
Sirf 5 Minute Ka Madarsa (Hindi Book) ₹359 Only |