5. शव्वाल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

हजरत खौला बिन्ते सअलबा (र.अ.), बदन के जोड़, नमाज़ छोड़ने पर वईद, बैतुलखला जाने का तरीका, रास्ते से तकलीफ देह चीज़ को हटाना, हँसाने के लिए झूट बोलना, द

5. शव्वाल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

5. Shawwal | Sirf Paanch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हजरत खौला बिन्ते सअलबा (र.अ.)

हजरत खौला बिन्ते सअलबा (र.अ.) का तअल्लुक कबील-ए-खजरज से था, जब हुजूर (ﷺ) मदीना मुनव्वरा तशरीफ लाए तो अपने पूरे खानदान के साथ इस्लाम में दाखिल हो गईं और बैत का शर्फ भी हासिल किया, इन के शौहर औस बिन सामित ने सबसे पहले इन से जिहार किया (के तू मुझ पर मेरी माँ की पुश्त की तरह है), इस्लाम से पहले जिहार के ज़रिये बीवी को कतअन हराम समझा जाता था, इस लिए हज़रत खौला फ़ौरन रसूलुल्लाह (ﷺ) है की खिदमत में गई और अपने शौहर का हाल बयान कर के रोने लगी, चुनान्चे अल्लाह तआला ने सूर-ए-मुजादला नाजिल फर्मा कर जिहार का हुक्म और कफ़्फ़ारा अदा करने का तरीका बताया, फ़िर उन्होंने अपने शौहर की तरफ़ से ज़िहार का कफ़्फ़ारा अदा किया, गर्ज अल्लाह तआला ने इन के मसअले के हल के लिए कुरआन की आयत नाजिल कर के मुसलमानों को जिहार का सही तरीका बताया।

हजरत खौला (र.अ.) बड़ी शीरीं ज़बान, गुफ़्तगु में माहिर और वाज़ व नसीहत में बड़ी जुरअतमंद थी, अमीरुल मोमिनीन हज़रत उमर (र.अ.) जैसी अजीम शखसियत को भी बिला किसी खौफ़ व झिजक के नसीहत कर दिया करती थीं, वह उन की नसीहत सुन कर फरमाते “यह वह खातून है जिन की शिकायत सातवें आस्मान पर सुनी गई”, इन के दौरे खिलाफ़त में वफात हुई।

2. अल्लाह की कुदरत

बदन के जोड़

अल्लाह तआला ने हमारे पूरे बदन को कैसी अच्छी तर्तीब से बनाया, उस में कई जोड़ बनाए हैं, इस की वजह से हम को कितनी सहूलत होती है, हम सारे काम आसानी से कर लेते है, अगर कोई एक जोड़ भी काम न करे तो हम को कितनी तकलीफ होती।

वाकई अल्लाह तआला बड़ी हिक्मत वाला है।

3. एक फर्ज के बारे में

नमाज़ छोड़ने पर वईद

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“नमाज़ का छोड़ना मुसलमान को कुफ्र व शिर्क तक पहुँचाने वाला है।”

📕 मुस्लिम : २४७, अन जाबिर बिन अब्दुल्लाह (र.अ.)

4. एक सुन्नत के बारे में

बैतुलखला जाने का तरीका

“रसूलुल्लाह (ﷺ) जब इस्तिंजा के लिए तशरीफ ले जाते, तो चप्पल पहन लेते और सर को ढांप लेते।”

📕 बैहकी फिस्सुननिल कुबरा : १/१६

5. एक अहेम अमल की फजीलत

रास्ते से तकलीफ देह चीज़ को हटाना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:

“एक आदमी रास्ते से गुजर रहा था, के उसे काँटेदार दरख्त की शाख रास्ते में पड़ी मिली, तो उस ने हटा कर किनारे कर दिया और उस पर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया, तो अल्लाह तआला ने उस की मग़फिरत फर्मा दी।”

📕 बुखारी : ६५२, अन अबी हुरैरह (र.अ.)

6. एक गुनाह के बारे में

हँसाने के लिए झूट बोलना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:

“उस शख्स के लिए हलाकत है,जो लोगों को हंसाने के लिए कोई बात हे और उसमें झूट बोले, उस के लिए हलाकत है, हलाकत है।”

📕 अबू दाऊद : ४५९०, अन मुआविया बिन हैदर (र.अ.)

7. दुनिया के बारे में

दुनिया को मकसद बनाने का अंजाम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरुरियात का कफ़ील बन जाता है और उसको ऐसी जगह से रिज्क देता है जहां उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ़ झुक जाता है तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।”

📕 बैहकी फी शुअबिल ईमानः १०९०, इमरान बिन हुसैन (र.अ.)

8. आख़िरत के बारे में

जन्नत के जेवरात

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“जो लोग ईमान लाए और नेक आमाल किए, अल्लाह तआला उनको (जन्नत के) ऐसे बागों में दाखिल करेंगे जिसके नीचे नहरें जारी होंगी और उन बागों में उन को सोने के कंगन और मोती (के हार) पहनाए जाएंगे और उनका लिबास खालिस रेशम का होगा।”

📕 सूर-ए-हज : २३

9. तिब्बे नबवी से इलाज

बिच्छू के जहर का इलाज

हजरत अली (र.अ.) फरमाते हैं :

“एक रात रसूलुल्लाह (ﷺ) नमाज़ पढ़ रहे थे के नमाज के दौरान एक बिच्छू ने आप को डंक मार दिया, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उस को मार डाला।

जब नमाज़ से फ़ारिंग हुए, तो फ़र्माया : अल्लाह बिच्छू पर लानत करे, यह न नमाज़ी को छोड़ता है और न गैरे नमाज़ी को, फिर पानी और नमक मंगवा कर एक बर्तन में डाला और जिस उंगली पर बिच्छू ने डंक मारा था, उस पर पानी डालते और मलते रहे और (सूर-ए-फ़लक) व (सूर-ए-नास) पढ़ कर उस जगह पर दम करते रहे।

📕 बैहकी की शुअबिल ईमान : २४७१

10. कुरआन की नसीहत

हर मामले में इन्साफ़ करो

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“ऐ इमान वालो ! अल्लाह तआला के लिए सच्चाई पर कायम रहने वाले और इन्साफ के साथ शहादत देने वाले बन जाओ; और किसी कौम की दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न कर दे, के तुम इन्साफ़ न करो (बल्के हर मामले में) इन्साफ़ करो, यह परहेजगारी के जियादा करीब है और अल्लाह तआला से डरते रहो, बेशक जो कुछ तुम करते हो अल्लाह तआला उससे बाखबर है।”

📕 सूर-ए-माइदा : ८

Sirf 5 Minute Ka Madarsa (Hindi Book)

₹359 Only

एक टिप्पणी भेजें

© Hindi | Ummat-e-Nabi.com. All rights reserved. Distributed by ASThemesWorld