9. शव्वाल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा
9. Shawwal | Sirf Paanch Minute ka Madarsa
1. इस्लामी तारीख
हजरत उम्मे फज्ल बिन्ते हारिस (र.अ)
उम्मे फ़ज़्ल बिन्ते हारिस हुजूर (ﷺ) के चचा हज़रत अब्बास (र.अ) की बीवी, उम्मुल मोमिनीन हजरत मैमूना (र.अ) की बहन और खालिद बिन वलीद (र.अ) की खाला थीं। आप का नाम लुबाबा था। हजरत खदीजा (र.अ) के बाद हज़रत उम्मे फ़ज़्ल मुसलमान होने वाली दूसरी औरत हैं, जब मुसलमान शिअबे अबी तालिब में कैद थे, तो उम्मे फ़ज़्ल भी उसी कैद व बंद में मशक्कत बरदाश्त कर रही थीं। और कैद ही की हालत में अब्दुल्लाह बिन अब्बास (र.अ) की पैदाइश हुई।
मक्का मुकर्रमा में कुफ्फार हुजूर (ﷺ) से दुश्मनी रखते थे, उस वक्त हज़रत उम्मे फ़ज़्ल हुजूर (ﷺ) का साथ देती थीं, हजरत अब्बास (र.अ) ने अब तक इस्लाम कबूल नहीं किया था, इस लिए उम्मे फ़ज़्ल शुरु में हिजरत नहीं कर सकी, लेकिन जब उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया तो फिर हज़रत अब्बास (र.अ) के साथ हिजरत कर के मदीना आ गईं,
उम्मे फ़ज़्ल बड़ी इबादत गुज़ार थीं, कसरत से नफ़्ल नमाज़ पढ़ती और नफ़्ल रोजे रखती, खासतौर से पीर और जुमेरात को रोज़ा रखती थीं। हजरत उम्मे फ़ज़्ल (र.अ) का इन्तेकाल हज़रत अब्बास से कब्ल हज़रत उस्मान (र.अ) के जमान-ए-खिलाफ़त में हुआ, और आपकी नमाजे जनाजा हजरत उस्मान (र.अ) ने पढ़ाई।
2. अल्लाह की कुदरत
जुगनू में अल्लाह की निशानी
अल्लाह तआला ने इस जमीन में मुख्तलिफ किस्म के जानदार बनाए हैं और हर जानदार की ख़ासियत अलग अलग है, हम अगर अपनी ताकत से एक छोटा सा बल्ब भी जलाना चाहें तो बगैर बिजली के नहीं जला सकते, लेकिन अल्लाह तआला ने सिर्फ अपनी कुदरत से एक छोटा सा कीड़ा “जुगनू” बनाया जो अपने अंदर रौशनी ले कर चलता है, यह अल्लाह की कुदरत का एक जबर्दस्त करिश्मा है।
3. एक फर्ज के बारे में
विरासत में लड़की का हिस्सा
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“अल्लाह तआला तुम को तुम्हारी औलाद के हक में हुक्म देता है के एक लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है।”
वजाहत: वालिदैन की विरासत में लड़के के दो हिस्से और लड़की का एक हिस्सा होता है, जिसका करना फ़र्ज़ है।
4. एक सुन्नत के बारे में
इस्तिंजा के बाद वुजू करना
हज़रत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के
“रसूलुल्लाह (ﷺ) जब बैतुल खला से निकलते तो वजू फरमाते।”
5. एक अहेम अमल की फजीलत
कौन सी दुआ अफ़ज़ल है
रसूलुल्लाह (ﷺ) से दरयाफ़्त किया गया : “कौनसी दुआ अफजल है?”
आप (ﷺ) ने फ़रमाया: आदमी का अपने लिए दुआ करना।
(लिहाज़ा लोगों के सामने अपनी जरूरतें बताने के बजाए अल्लाह तआला ही से अपनी ज़रूरतों का सवाल करना चाहिए)।”
6. एक गुनाह के बारे में
दिखावे के लिए कपड़ा पहनना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“जो शख्स शोहरत के लिए दुनिया में कपड़े पहनेगा, अल्लाह तआला उसको कयामत के दिन रुसवाई के कपड़े पहनाएगा और फिर उसमें आग भड़काएगा।”
7. दुनिया के बारे में
दुनियावी ख्वाहिशों को पूरा करने का अंजाम
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“जो शख्स दुनिया में अपनी ख्वाहिशों को पूरा करता है, वह आखिरत में अपनी ख्वाहिशात के पूरा करने से महरूम होता है।”
वजाहत: अपनी तमाम चाहतों को इसी दुनिया में पूरी करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, वरना बंदा आखिरत में महरुम हो जाएगा।
8. आख़िरत के बारे में
अहले जन्नत की नेअमतें
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“परहेज़गारों के लिए (आख़िरत में) अच्छा ठिकाना है, हमेशा रहने वाले बाग़ात हैं, जिनके दरवाज़े लोगों के लिए खुले हुए होंगे, वह उन बागों में तकिये लगाए बैठे होंगे, वह वहां (जन्नत के खादिमों से) बहुत से मेवे और पीने की चीजें मंगाएंगे और उन लोगों के पास नीची नजरों वाली हम उम्र हरें होंगी।”
9. तिब्बे नबवी से इलाज
जख्म वगैरह का इलाज
हजरत आयशा (र.अ) फ़र्माती हैं :
अगर किसी को कोई जख्म हो जाता या दाना निकल आता, तो आप (थूक के साथ ) मिट्टी को उंगली में लगाते और जख्म की जगह रखते और यह दुआ पढ़ते:
“Bismillah, turbatu ardina, biriqati ba’dina, liyushfa saqimuna. Bi’dhni Rabbina”
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से हमारी जमीन की मिट्टी हम में से किसी के थूक के साथ मिली हुई। लगाता हुँ (ताके) हमारे रब के हुक्म से हमारा मरीज़ अच्छा हो जाए।
10. कुरआन की नसीहत
शराब, जुवा बुतपरस्ती और फ़ाल खोलने से बचो
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“ऐ ईमान वालो! सच्ची बात यह है के शराब, जुवा, बुतों के स्थान और फाल खोलने के तीर, यह सब शैतान के नापाक काम है ; लिहाज़ा तुम इन से बचो ताके तुम अपने मकसद में कामयाब हो जाओ।”
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