शैतान का हमला ओरतो पर ही क्यू ?

शैतान का हमला ओरतो पर हमले की कुछ वजूहात 1. अकीदे कि कमजोरी, 2. औरत का बनाव सिंगार, 3. गुस्ल खाने में ज़्यादा वक्त बिताना, 4. ख़्वातीन का आइने में...
Shaitan ka Hamla Aurat par hi Kyun hota hai ?

अक्सर देखने में आता है कि शैतानी हमले ओर रूहानी बीमारी अक्सर खवातीन पर ही क्यू होती है इसकी बहुत सी वजूहात हे।

1. अकीदे कि कमजोरी

खवातीन में अक्सर अकीदे कि कमज़ोर होती है बहुत जलद अपने ईमान को गवा देती है ओर यही वजह हे की अल्लाह के नबी (ﷺ) ने फ़रमाया दज्जाल के पीछे सब से ज़्यादा ओरते भागेगी हत्ता की उनके मर्द उन्हे रस्सियों से बांध देगे लेकिन वह रस्सियां तोड कर दजजाल से जा मिलेगी। [महफुम]

ओर जिसका अल्लाह के ताल्लुक से जितना कम इल्म होगा, जिसकी तौहीद मुकम्मल नहीं होगी शैतान जिन्न उस पर बहुत जल्द हमला कर देता है।

2. औरत का बनाव सिंगार

औरत बहुत ज़्यादा बनाव सिंगार करती है और परदे का एहतमाम नहीं करती जिससे शैतान ऊन पर फिदा हो जाते है।

3. गुस्ल खाने में ज़्यादा वक्त बिताना

अक्सर खवातीन गुसल खाने (हमाम) में ज़्यादा वक्त बिताती हे अपने जिस्म को खूबसूरत बनाने के लिए पता नहीं कौन कौन से शेंपु ओर क्रीम वगेरह का इस्तेमाल करती है जिससे बाथरूम में वक्त ज़्यादा लगता है और सब से ज़्यादा शयातीन बाथरूम मे ही रहते है, तो वह उन्हें चिमट लेते है।

4. ख़्वातीन का आइने में अपने आप को ब्रहिना देखना

अक्सर खवातीन अपने जिस्म को आइने में देखती है जिससे बहुत शिद्दत से शैतान उन्हे अपने लपेटे में ले लेता है।

5. खवातीन का अल्लाह का नाम लिए बिना कपड़े बदलना

अक्सर खवातीन जब दिन भर काम काज से निपट कर रात में अपने कमरे में आती है तो दरवाज़ा बन्द कर के कपड़े बदलने लग जाती है ये सोच कर कि दरवाज़ा तो बन्द हे।

लेकिन अल्लाह का फरमान हे शैतान तुम्हे ऊन जगहों से देखते हे कि तुम नहीं देख पाते। वही शैतान बरहेना जिस्म को देख कर फिदा हो जाते है।

इसलिए हुक्म हे कि जब कपड़े बदले तो बिस्मिल्लाह पढ़ ले ताकि अल्लाह तुम्हारे ओर ऊन शैतानों के बीच एक परदा डाल दे फिर वह तुम्हे नहीं देख सकेगा।

6. खवातीन का ज़्यादा डरना

खबरदार डर ओर खौफ के आलम में शैतान बहुत जलद मुसल्लत हो जाते है।

एक बार एक सहाबी जंगल में जा रहे थे कि उन्होंने अपने पीछे पत्तो पर चलने कि आवाज़ सुनी तो वह डर गए, जब नबी (ﷺ) को पता चला तो आप (ﷺ) ने कहा अगर वह “अल्लाहु अकबर” कह देते तो डर ख़त्म हो जाता।

शैतानों से हम जितना डरते है वह इतना ही हमे डराते हे, सुर जिन्न के तरजुमा से हमें पता चलता है इसलिए हम सिर्फ अल्लाह से डरे शैतान से नहीं।

7. खवातीन का बात बात पर गुस्सा और झगड़ा करना

याद रहे गुस्सा शैतान कि तरफ से होता है ओर गुस्से कि हालत में शैतान का जिस्म में घुस जाना बहुत आसान है, इसलिए अल्लाह ने गुस्से को पीने का हुक्म दिया है।

गुस्सा आए तो खड़े हो तो बैठ जाए, बैठे हो तो लेट जाए, वुजू बना ले दो रकआत नमाज़ पड़ ले।

8. ज़्यादा हसना

खवातीन जब महफ़िल सजाती है तो खूब हंसी ठि टठा होता है ओर शैतान मुंह के रास्ते जिस्म में समा जाता है।
याद रहे ज़्यादा हसने वाले का दिल मुरदार हो जाता है। हमारे नबी (ﷺ) जब हसते थे दो दांत नहीं दिखते थे सिर्फ मुस्कुराया करते थे।

9. ज़्यादा रोना

हमारे मुआशरे में अक्सर होता है कि फला औरत फलां कि मय्यत में गई थी ओर बेहोश हो गई थी। तब से बीमार हे इसलिए बहुत से मुआलीज जो गैर शरई इलाज करते है वह खवातीन को मैय्यत में जाने से रोकते हे।

वजह ये कि ज़्यादा रोने से भी शैतान गालिब आ सकता है और खवातीन अक्सर मय्यत में बयान कर कर के रोती हे यानी नोहा करती है ओर नोहा करने वालों पर अल्लाह तआला ने लानत फरमाई हे।

जब अल्लाह ने लानत फरमा दी तो जो फ़रिश्ते हमारी हिफाज़त पर मुक्कर है वह भी साथ छोड़ देते है, तो शैतान काबिज हो जाता है।

इसलिए अल्लाह के नबी (ﷺ) ने हमे खुशी ओर गम के भी आदाब बताए हे।

10. अय्यामे महावारी

खवातीन के लिए कुछ दिन महावारी के होते है जिसमे वह पाक नहीं रहती और उस वक्त नमाज़ रोज़े से भी रोका गया हे, तो नमाज़ मुआफ हो गई तो खवातीन बेफिक्र हो जाती है और जबकि नापकी कि हालत में शैतान बहुत आसानी से जिस्म में दाखिल हो सकता है।

याद रहे ! नमाज़ ज़रूर मुअफ़ है लेकिन अज़कार ओर सुबह शाम को दुआए लाज़िमन पढ़े क्यू की मोमिन कि ज़ुबान हमेशा पाक रहती है। नापाकी कि हालत में कुरआन को छूना मना हे ज़ुबानी पढ़ सकते है इसलिए नापाक होने कि हालत में कसरत से अज्कार करना चाहिए।

देखें : नापाकी की हालत करनेवाले अजकार

11. खवातीन का अपने बालो का गुच्छा बना कर फेक देना ओर गंदे कपड़ों को बिना अल्लाह का नाम लिए फेक देना।

याद रहे सब से ज़्यादा जादू बालो पर और नाखूनों पर ओर जिस्म के गंदे कपड़ों पर होता है। हा! टूटे बालो पर जादू नहीं होता और अगर शैतान अगर जिस्म के गंदे कपड़ों को सूंघ ले तो भी खवातीन बीमारी में मुब्तिला हो सकती है।

इसलिए जब भी बाल फेंके तो उसे काट दे ओर जब भी गन्दे कपड़े फेके तो अल्लाह का नाम लेकर फेका करे। इंशा अल्लाह! अल्लाह कि हिफजो अमान में रहेगी।

12. खवातीन का गुसल में देरी करना

कुछ खवातीन जिन्होंने अपने शोहरो से कुरबत हासिल कि होती है वह गूसल करने में देरी करती है। घर का काम करने के बाद या सारे घर के कपड़े धोने के बाद गूस्ल करती है। और इस बीच शैतान गालिब हो जाता है क्यू की इंसान जब नापाक होता है तो फ़रिश्ते उसके पास से चले जाते है तो शैतान बहुत आसानी से काबिज हो जाते है।

13. खवातीन का दरगाहो पर जाना

दरगाहो और मजारो पर अक्सर शिर्क ओर खुराफात होती है। दूसरी चीज़ वहा आग का इस्तेमाल बहुत होता है, खवाह वह लोबान की शक्ल में हो जा अगरबत्ती कि शक्ल में और कई दरगाहो पर तो चुल जलती है। ओर शैतान आग को पसंद करता है इसलिए शैतानों का दरगाहो पर जमावड़ा रहता है।

इसलिए खवातीन को दरगाहो ओर कबरो पर जाने से बचना चाहिए, ये चंद वजूहात जो कुछ हमारे इल्म में थी वह हमने बताई।

ज़रूरी नहीं की हमारी सारी बाते सही हो क्यू कि सारा का सारा इल्म सिर्फ अल्लाह को हे।

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